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 भारत के हाथ वो खजाना लगने वाला है जिसके चलते भारत को हर दिन अरबो रूपये का मुनाफा होगा , ये डील है मिस्र की स्वेज नहर के project पर , और भारत भी यही चाहता है की उसे मिश्र मे strategic entry मिले , क्योकि मिश्र वो देश है झा से चीन की हर गतिविधि पर नजर राखी जा सकती है , पहले चीन का यह पर बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट है लेकिन अब भारत को ये मौका मिला है जो बहरत को गवाना नहीं चाहिए , 



ईरानी सेना और तालिबान की बीच युद्ध छिड़ चूका है तालिबानी लड़ाके ईरानी सेना पर जबरदस्त गोली बरी कर रहे है व्ही ईरानी सेना भी मुहतोड़ जवाबी करवाई कर रही है , तालिबानी सेना ने एक बढ़त हासिल करते हुवे ईरानी सेना की एक पोस्ट भी कब्ज़ा ली है , दरअसल ये लड़ाई हो रही है पानी को लेकर अफगानिस्तान से बहुत सारी नदिया ईरान मे जाती है और वह के लोगो को जीवन देती है , आपको बता दे की ये दोनों ही देश गर्मियों मे पानी की किल्लत से जूझते है , इन्हे जीवन यापन के लिए बहुत कम पानी मिलता है , इसलिए अफगानिस्तान ने अपने यह बने बांध से पानी को रोक लिया है जिससे ईरान मे हालत खराब हो गयी है जिसके कारन ये युद्ध शुरू हो गया है , 


पाकिस्तान की GDP बढ़ने की जगह निचे जाने लगी है , हाल ही मे निकली report के अनुसार पाकिस्तान की economy गिरकर contract .29 % पर आ गयी है , और ये लोग भारत से बिछड़ने की बात करते है , पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 6 billion $ पर आ चूका है , जबकि भारत को विदेशी मुद्रा भंडार इससे लगभग 100 गुना ज्यादा है ये एक ऐसा देश है जो खाने पिने की चीजे भी विदेशो से मंगाता है और payment देनी होती है अमेरिकी $ मे , पाकिस्तानी रूपये की कीमत दिन पर दिन गिरती जा रही है जिसके कारन उसे दुनिया मे कोई लेने को तैयार नहीं है , अगर जानकारों की माने तो इनकी population के लिए कम से कम 70 billion $ का विदेशी मुद्रा भंडार होना चाहिए , 


चीन G20 मे नहीं आया इसका जवाब भारत ने उसकी दुखती रग पर हाथ रखकर दिया है , ताईवान जोकि अपने आप को एक अलग देश घोसित कर चूका है लेकिन चीन की माने तो one china policy के तहत ये चीन का हिस्सा है और दुनिया के ज्यादातर देश इसे चीन का हिस्सा मानते है , व्ही चीन भी इसे कब्जाने की भरपूर कोशिश कर रहा है , 

आपको बता दे की ताईवान semicunductor का एक बहुत बड़ा exporter है दुनिया भर मे ताईवान के बने semiconductor इस्तेमाल होते है , इसी के चलते जो भी देश ताईवान से import करता है वो indirectly चीन के against है , ये ठीक उसी तरह है जैसे भारत russia और ukraine war मे russia से ज्यादा कच्चा तेल खरीद कर russia की मदद कर रहा है उसी तरह अब भारत ने ताईवान की भी मदद करने की ठानी है और पहले के मुकाबले ताईवान से 3 गुना ज्यादा import किया जाएगा , 


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