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Showing posts from April 21, 2020

भारत की इस बड़ी कंपनी के साथ जुड़कर करे चाय की पैकिंग का काम , हर महीने कमाए एक लाख से लेकर 5 लाख रूपये

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भारत की इस बड़ी कंपनी के साथ जुड़कर करे चाय की  पैकिंग का काम  , हर महीने कमाए एक लाख से लेकर 5 लाख रूपये  योग्यता :अनपढ़ , 8 वी पास भी कर सकता है  कोन कर सकता है : भारत के सभी महिला पुरुष , लड़का लड़की , हाउस वाइफ , स्टूडेंट , कोई भी शुरू कर सकता है  उम्र : 18 साल से ऊपर कोई भी कर सकता है  करना क्या होगा : आपको अपने घर बैठकर चाय के अलग अलग तरह के पाउच पैक करने है , वेतन : आपको पर पैकेट के हिसाब से पैसा दिया जाएगा , अगर आप 2 घंटे भी काम करेंगे तो आपको              50000  तक की इनकम होगी  कंपनी से जुड़ने के फायदे :  आपको घर से ही काम करने का मौका मिलेगा  आप काम अपने चुने गए टाइम पर कर सकते है  पैसे मिलने का कोई मिनिमम टारगेट नहीं होगा  आप ज्यादा लोगो को लगाकर ज्यादा पैसा भी कमा सकते है  कंपनी से जुड़ने के लिए जरूरी दस्तावेज : आधार कार्ड  पैन कार्ड  बैंक अकाउंट  GST  नंबर  फ़ूड लाइसेंस  कैसे करे आवेदन : आपको नीचे एक नंबर दिया गया है , वहा से आपको सारा सामान मिलेगा , वही से आप खुली चाय की पत्ती, पैकिंग  के पाउच , और फ़ूड लाइसेंस आसानी से दिला दिया जाएगा,   कैसे

ब्लैक में बिकी थी ममता कुलकर्णी की टॉपलेस तस्वीरें, बोल्ड इमेज की वजह से रहीं चर्चा में

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अपने बोल्ड और बिंदास अंदाज के लिए मशहूर वाली ममता कुलकर्णी का कल जन्मदिन है। 20 अप्रैल 1972 को ममता का जन्म मुंबई में हुआ। एक आंधी की तरह वह हिंदी सिनेमा में आईं। अचानक से वह गायब भी हो गईं। 90 के दौर की सुपरस्टार एक्ट्रेस रह चुकीं ममता कुलकर्णी यूं तो बॉलीवुड में काफी वक्त से गायब हैं लेकिन आज भी उनके फैंस उनके कमबैक का इंतजार करते हैं। 1992 में ममता ने स्टारडस्ट मैगजीन के लिए टॉपलैस फोटोशूट करवाया था। उस समय के लिए यह बहुत बड़ी बात थी। सितंबर 1993 में जब यह मैगजीन मार्केट में आई तो लोग इसको खरीदने के लिए टूट पड़े। हालात ऐसे बन गए कि कुछ ही दिनों में मैगजीन की सारी कॉपिया बिक गईं। इस फोटोशूट से ममता रातोंरात स्टार बन गईं। कहा जाता है उस वक्त लोगों ने मैगजीन का वो अंक ब्लैक में भी खरीदा था। ममता का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री ममता का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन किसी से छुपा नहीं है। छोटा राजन से लेकर कई गैंगस्टर के साथ उनका नाम जुड़ा। ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी के साथ ममता कुलकर्णी का रिश्ता लंबे अरसे तक चला और फिर दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद उनका फिल्मों स

हाथ मिलाते नजर आए 'राम' और 'रावण', सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये पुरानी तस्वीर

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रामानंद सागर के प्रतिष्ठित धारावाहिक 'रामायण' में रावण का वध होते ही सोशल मीडिया पर मीम्स और शो के बारे में तमाम रोचक जानकारियां तैरने लगीं। इनमें सबसे ज्यादा वायरल हो रहा था एक फोटो, जिसमें भगवान श्री राम और रावण खुशी से एक दूसरे के साथ हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं। यह फोटो इस सोशल मीडिया के दौर में भी लोगों के लिए कौतूहल का कारण बन गया है। खबर आगे बढ़ाने से पहले आपको बताते चलें कि 80 के दशक के अंत में शुरू हुए रामानंद सागर के धारावाहिक 'रामायण' ने इस कोरोना काल में टीवी पर वापसी की। इस शो को वापसी पर भी दशकों से ऐसी प्रतिक्रिया मिली कि इसने टीवी पर टीआरपी के पांच साल पुराने कीर्तिमानों को भी ध्वस्त कर दिया। बीते शनिवार को जैसे ही भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया, वैसे ही सोशल मीडिया पर तरह तरह के मीम्स और अनदेखे फोटोज वायरल होना शुरू हो गए। दरअसल यह फोटो उस समय की है जब इस शो की शूटिंग चल रही थी। इस फोटो को शायद 'रावण वध' सीक्वेंस से पहले खींचा गया था। क्योंकि उस समय अभिनेता अरुण गोविल भगवान श्री राम के अवतार में और अभिनेता अरविंद त्रिवेदी र

'Ram' was made in Ramanand Sagar's Ramayana, this connection is with UP,

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Arun Govil Ramanand Sagar-produced 'Ramayana' has started airing again. Since then, the curiosity of everyone to know about each of its characters grew. The Ramayana of the 90s is still very much liked today. During the lockdown, the Ramayana was re-telecasted, which once again brought Doordarshan's TRP to the top. At the same time, his fans are very keen to know about actor Arun Govil who plays Lord 'Ram' in this television serial. In such a situation, today you will tell some special things related to Arun Govil's family and his personal life. Arun Govil was born on 12 January 1952 in an Agarwal family of Meerut. Arun's father's name was Mr. Chandraprakash Govil. His father was a government officer. Arun's mother's name was Sharda Devi. Sharda Devi was a housewife. Arun Govil had five brothers and two sisters. There was a lot of love between all the siblings. Arun has completed his studies from Chaudhary Charan Singh College, Meerut. A

रामानंद सागर की रामायण में 'राम' बने थे अरुण गोविल, यूपी से है ये कनेक्शन

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रामानंद सागर निर्मित 'रामायण' का जब से दोबारा प्रसारण शुरू हुआ। तभी से सबके मन में इसके हर एक किरदार के बारे में जानने की जिज्ञासा बढ़ गई। 90 के दशक की रामायण को आज भी काफी पसंद किया जाता है। लॉकडाउन के दौरान रामायण का दोबारा प्रसारण शुरू किया गया था जिसने दूरदर्शन की टीआरपी को एक बार फिर से टॉप पर पहुंचा दिया। वहीं इन दिनों इस टेलीविजन सीरियल में भगवान 'राम' का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल के बारे में जानने के लिए उनके फैन्स काफी इच्छुक हैं। ऐसे में आज आपको बताएंगे अरुण गोविल के परिवार और उनकी निजी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें। अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1952 को मेरठ के एक अग्रवाल परिवार में हुआ था। अरुण के पिता का नाम श्री चंद्रप्रकाश गोविल था। उनके पिता एक सरकारी अफसर थे। अरुण की मां का नाम शारदा देवी था। शारदा देवी एक हाउस वाइफ थीं। अरुण गोविल के पांच भाई और दो बहनें थीं। सभी भाई बहनों के बीच बहुत प्रेम था। अरुण की पूरी पढ़ाई मेरठ के ही चौधरी चरण सिंह कॉलेज से हुई है। इसके बाद वो अपना करियर बनाने मुंबई जा पहुंचे। अरुण मुंबई में काफी समय तक अपने ब

अपराध शाखा की जांच में हुआ सनसनीखेज खुलासा, 150 से अधिक देशों से मरकज में आता था पैसा

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निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज मामले में एक और खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की जांच में सामने आया है कि मरकज से लोग विदेश भी जाते थे, जिनका उद्देश्य धर्म प्रचार नहीं बल्कि पैसा लाना था। पुलिस को इस बात के भी सुबूत मिले हैं कि कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी इन्हें पैसा देते थे। साथ ही जांच में ये बात भी सामने आई है कि मरकज से लोग चीन भी गए थे और चीन से लोग मरकज में भी आए थे। जांच से जुड़े अपराध शाखा के पुलिस मुख्यालय में बैठने वाले अधिकारी ने बताया कि मरकज से 150 से ज्यादा देशों में जाने बात सामने आ चुकी है। मरकज से जुड़े लोगों को दूसरे देशों में कहने को धर्म प्रचार के लिए भेजा जाता था, लेकिन असल उद्देश्य पैसा लेना था। धर्म का प्रचार करने के नाम पर विदेशों से पैसा इकट्ठा किया जाता था। मरकज से जाने वाला व्यक्ति खुद ही अपना विदेश जाने का खर्च भी उठाता था। हैसियत के हिसाब से व्यक्ति को विदेश भेजा जाता था। यदि कोई पैसे वाला है तो उसे विदेश भेजा जाता था और कम पैसे वाला है तो उसे भारत में किसी भी राज्य में भेज दिया जाता था। मरकज के खातों में विदेशों से बड़ा फंड भी आया है। स